मेरे मुल्क में ईमान बिकता है ,
जिसने जना है वो भी बिकता है,
शहीदों का तमगा बिकता है ,
पुस्तैनी मकान बिकता है |
जिसने जना है वो भी बिकता है,
शहीदों का तमगा बिकता है ,
पुस्तैनी मकान बिकता है |
देश के लिए कौड़ी भी न दी हो जिसने ,
तोड़ने इस मुल्क को कौड़ियों के भाव बिकता है,
जंग-ए-आज़ादी में जिनके घर का कुत्ता भी न मरा ,
खानदान वो आजादी को दाग लगाने बिकता है |
तोड़ने इस मुल्क को कौड़ियों के भाव बिकता है,
जंग-ए-आज़ादी में जिनके घर का कुत्ता भी न मरा ,
खानदान वो आजादी को दाग लगाने बिकता है |
भले अखबारों में करते रहे वो बड़ी बड़ी बातें ,
सहाफी वो आतंकी के दर पर बिकता है ,
उठते बैठते ऐसे हैं जैसे हाजी हों ,
हाजी भी वो नापाक इरादों को अंजाम देने बिकता है |
सहाफी वो आतंकी के दर पर बिकता है ,
उठते बैठते ऐसे हैं जैसे हाजी हों ,
हाजी भी वो नापाक इरादों को अंजाम देने बिकता है |
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