“कहाँ गयी वो यादें पुरानी .....”
कहाँ गयी वो यादें
पुरानी,
वो पावन सी खुशियाँ
, गलियाँ सुहानी |
दोस्तों की दोस्ती
वो प्यारी सी मस्ती ,
टूटा सा घरौंदा , वो
मस्ती थी सस्ती ,
वो पवित्र बंधन ,
वो लाल कंगन ,
वो पावन सा दरिया,
वो गहरा चन्दन ,
आँखों में काजल और
बालों में गजरा ,
चला कहाँ गया वो
बचपन गुजरा |
वो गलियां सुहानी ,
वो अमिट कहानी ,
मेरा ननिहाल , वो
प्यारी सी नानी ,
वो डांट, वो मार ,
वो प्यारी गालियाँ,
कहाँ गयी वो मेरी
मस्ती की तालियाँ ,
वो मौसम मनभावन, वो
बदरी सुहानी ,
वो पानी की बौछार,
परियों की कहानी,
वो छोटा बाज़ार , वो
सब्जी का ठेला ,
वो जिद्द में रोना ,
वो चमचमाता मेला |
वो पापा की डांट ,
माँ का फुसलाना ,
वो दुःख का जाना ,
खुशियों का आना,
वो बचपन का प्यार,
वो दुलराना ,
वो खेल हारकर , माँ
को बतलाना ,
वो मामा का प्यार ,
मामी का दुलार ,
वो सारे हमजोली और
मेरे यार,
वो तुतलाना और वह
घबराना,
वो पढना और वो लिखना
|
वोह छोटी सी कविता,
वो गलती ,
धूल आँखों में जाना,
आँखें थी जलती ,
कहाँ गयी वो मनभावन
यादें पुरानी ,
वो पावन सी खुशियाँ,
गलियाँ सुहानी |
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-----------प्रणय