आँखें वो रोती हैं
यादें बहुत गहरी होंगी , शायद चुभती होंगी ,
या फिर मलाल होगा कुछ , तभी आँखें वो रोती हैं ।
रिश्ता शायद वो अनकहा था , या फिर अधूरा था,
पूरा न हो पाया था या फिर होकर टूटा था , तभी आंखें वो रोती हैं ।
कुछ सपने थे, खुली आँखों से देखे होंगे , पुरे न हो पाए होंगे ,
या फिर किसी की ख़ुशी की खातिर खुद तोड़े होंगे , तभी आँखें वो रोती हैं ।
परिवार था शायद वो भरा पूरा , हस्ते खेलते लोग होंगे ,
छूट पीछे गया होगा सब, या हुई होगी कोई घटना , तभी आँखें वो रोती हैं ।
बच्चे होंगे प्यारे से , गोद में अठखेलियां करते होंगे,
शायद रिश्ते टूटे होंगे ,तभी आँखें वो रोती हैं ।
कुछ उम्मीदें होंगी और देखे कुछ सपने होंगे ,
एकाएक टूटे होंगे या परिस्थितियों ने तोड़े होंगे , तभी आंखें वो रोती हैं ।
आज हड्डियां बूढी हैं, कभी जवां रही होंगी ,
आज निराशा घेरे है, कभी आशावान रही होगी , तभी आँखें वो रोती हैं।
पहले बहुत बोलती थी , हंसी मजाक करती थी ,
आज वह रूह कांपती सी है,चाहकर भी न हँसती है ,तभी आँखें वो रोती हैं ।