लालटेन की रोशनी में
एक बार यह देख मैं चौंका ,
कोई बड़ी लाइट में ,
तो कोई विलायती रोशनी में ,
पर कई करते यापन यहाँ ,
लालटेन की रोशनी में |
सृजन करते वे सब हैं ,
भले पढ़े-बढे ,
रौशनी अलग अलग में ,
रात को कोई टार्च ,
तो लेता सहारा कोई उन्नत
रौशनी का ,
तो कोई करता विचरण है ,
लालटेन की रोशनी में |
कोई भविष्य ढूढ रहा,
और जीवन जगमगा रहा ,
बड़ी लाइट की रोशनी में ,
तो कोई आज भी डगमगा रहा ,
लालटेन की रौशनी में |
कोई ताक रहा तिजोरी है ,
जगमगाती हुई रौशनी में ,
तो दूढ़ रहा कोई ,
एक का सिक्का ,
लालटेन की रोशनी में |
किसी की शादी में ,
रोशन जहान है ,
जगमग यहाँ , जगमग वहां है ,
तो कई बंधते बंधन में ,
लालटेन की रोशनी में |
किसी की मंजिल चलकर खुद,
पैसों से है आ रही ,
खुशियाँ घर में ला रही ,
तो दूर कहीं कोई ताक रहा ,
अपना भविष्य ,
लालटेन की रोशनी में |
आज कोई अन्धकार मिटा रहा ,
रत्नाकर को दे आ रहा न्यौता है ,
तो रोता कोई कोने में बैठा
,
लालटेन की रोशनी में |
किसी का दीपक प्रज्ज्वलित
है ,
घी की अनुकम्पा से ,
तो कम रहा कहीं माटी का
तेल,
लालटेन की रोशनी में |
आज रोशन किसी का जीवन ,
धन ऐश्वर्य की रौशनी में ,
तो कोई डूबा स्वप्न में है,
लालटेन की रोशनी में |
==================================== प्रणय
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